शुक्रवार, 1 अगस्त 2025

मोलेला टेराकोटा आर्ट – राजस्थान की अनोखी मिट्टी शिल्पकला



🏺 मोलेला टेराकोटा आर्ट – राजस्थान की अनोखी मिट्टी शिल्पकला

Molela Terracotta Art – A Living Heritage of Rajasthan


📍 स्थान (Location):

मोलेला गांव, जिला राजसमंद (राजस्थान)
➡️ हल्दीघाटी से दूरी: लगभग 5 किमी
➡️ रक्ततलाई से दूरी: लगभग 2 किमी
➡️ नाथद्वारा से दूरी: लगभग 15 किमी


🌟 क्या है मोलेला टेराकोटा आर्ट?

मोलेला गाँव टेराकोटा (Terracotta) यानी कि मिट्टी से बनी मूर्तियों की कला के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध है।
यहाँ के कारीगर हस्तनिर्मित (Handmade) टेराकोटा मूर्तियाँ, पट्टिकाएँ, दीवार टाइल्स, मंदिर कला, देव मूर्तियाँ और ग्रामीण जीवन को दर्शाने वाली आकृतियाँ बनाते हैं।


🧱 विशेषताएँ:

  • 100% हाथ से बनी (Handcrafted) कला

  • हर मूर्ति में स्थानीय संस्कृति और धार्मिकता का चित्रण

  • लो टेम्परेचर फायरिंग, जिससे एक विशेष रंग और टेक्सचर बनता है

  • अधिकतर मूर्तियाँ हिंदू देवी-देवताओं, ग्रामीण जीवन, पौराणिक कथाओं और सामाजिक सन्देशों पर आधारित होती हैं

  • यह कला पीढ़ी दर पीढ़ी परिवारों द्वारा संरक्षित की गई है


🎨 मोलेला क्यों है खास?

  • भारत में बहुत कम स्थान हैं जहाँ इतनी बारीकी से दीवार पर चढ़ाई जाने वाली टेराकोटा पट्टिकाएँ बनाई जाती हैं

  • यहाँ की टेराकोटा कला को GI Tag (Geographical Indication) मिलने की प्रक्रिया में समर्थन किया जा रहा है

  • इस गांव को "Artists' Village" के रूप में भी जाना जाता है




🧭 कैसे जाएँ?

  • By Road: नाथद्वारा, हल्दीघाटी या राजसमंद से टैक्सी/प्राइवेट वाहन द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है

  • निकटतम रेलवे स्टेशन: मावली या उदयपुर

  • निकटतम एयरपोर्ट: महाराणा प्रताप एयरपोर्ट, उदयपुर (~60 किमी)


🛍️ क्या खरीदें?

  • दीवार सज्जा पट्टिकाएँ

  • देवी-देवता मूर्तियाँ

  • ग्रामीण जीवन के चित्रण वाली मूर्तियाँ

  • कस्टम टेराकोटा आर्टवर्क


🎯 निष्कर्ष:

मोलेला टेराकोटा आर्ट न केवल राजस्थान की एक अनमोल विरासत है, बल्कि यह भारत की पारंपरिक शिल्पकला का जीवंत उदाहरण भी है।
यदि आप हल्दीघाटी या नाथद्वारा घूमने आ रहे हैं, तो मोलेला अवश्य जाएँ — यह अनुभव आपके सफर को सांस्कृतिक और कलात्मक दृष्टि से समृद्ध बना देगा।



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें