बुधवार, 14 फ़रवरी 2018

Haldighati and Maharana Pratap Song




हल्दीघाटी रो समर लड्योवो चेतक रो असवार कठै
मायड़ थारो पूत कठैवो एकलिंग को दीवान कठै
वो महाराणा प्रताप कठै |
हल्दीघाटी रो समर लड्योवो चेतक रो असवार कठै
मायड़ थारो पूत कठै |
हल्दीघाटी रे टीला सूँशिव पारबती देख रहया
मेवाड़ी वीरां री ताकतअपनी निजरां में तोल रहया
बोल्या शिवजी सुण पारबतीमेवाड़ भोम री बलिहारी
जो आछया करम करे जग मेंवो अठै जनम ले नर-नारी
में स्वयं ही एकलिंग रूप धर्योसदियाँ सूँ बैठ्यो भलो अठै
मायड़ थारो पूत कठैवो एकलिंग को दीवान कठै
वो महाराणा प्रताप कठै |
मैं बाँच्यो हूँ इतिहास मेंमायड़ थे एह्ड़ा पूत जण्या
थन पान लजायों नी थारोरणवीरां रा सिरमोर बण्या
सुरग सुखा रो त्याग करेमगरा माही यो वास करें
हिन्दवां सूरज मेवाड़ रतनरण बांकुरी हुंकार कठै
मायड़ थारो पूत कठैवो एकलिंग को दीवान कठै
वो महाराणा प्रताप कठै |
आज देस री सीमा परसंकट रा बादळ मंडराया
ये पाकिस्तानी घुसपैठ्याभारत सीमा मैं घुस आया
बैरया सूँ रण मैं पाछे नाबाने वो सबक सिखा दीज्यो
थे हो प्रताप रा ही वंशजवाने या बात बता दीज्यो
यो काश्मीर भारत रो हैकुण आँख दिखावै आन अठै
मायड़ थारो पूत कठैवो एकलिंग को दीवान कठै
वो महाराणा प्रताप कठै |



अरे घास री रोटी ही जद बन बिलावड़ो ले भाग्यो।

अरे घास री रोटी ही जद बन बिलावड़ो ले भाग्यो।
नान्हो सो अमरयो चीख पड्यो राणा रो सोयो दुख जाग्यो।
हूं लड्यो घणो हूं सह्यो घणो
मेवाड़ी मान बचावण नै,
हूं पाछ नहीं राखी रण में
बैर्यां री खात खिडावण में,
जद याद करूँ हळदीघाटी नैणां में रगत उतर आवै,
सुख दुख रो साथी चेतकड़ो सूती सी हूक जगा ज्यावै,
पण आज बिलखतो देखूं हूँ
जद राज कंवर नै रोटी नै,
तो क्षात्र-धरम नै भूलूं हूँ
भूलूं हिंदवाणी चोटी नै
मैंलां में छप्पन भोग जका मनवार बिनां करता कोनी,
सोनै री थाल्यां नीलम रै बाजोट बिनां धरता कोनी,
अै हाय जका करता पगल्या
फूलां री कंवळी सेजां पर,
बै आज रुळै भूखा तिसिया
हिंदवाणै सूरज रा टाबर,
आ सोच हुई दो टूक तड़क राणा री भीम बजर छाती,
आंख्यां में आंसू भर बोल्या मैं लिखस्यूं अकबर नै पाती,
पण लिखूं कियां जद देखै है आडावळ ऊंचो हियो लियां,
चितौड़ खड्यो है मगरां में विकराळ भूत सी लियां छियां,
मैं झुकूं कियां है आण मनैं
कुळ रा केसरिया बानां री,
मैं बुझूं कियां हूं सेस लपट
आजादी रै परवानां री,
पण फेर अमर री सुण बुसक्यां राणा रो हिवड़ो भर आयो,
मैं मानूं हूँ दिल्लीस तनैं समराट् सनेशो कैवायो।
राणा रो कागद बांच हुयो अकबर रो’ सपनूं सो सांचो,
पण नैण कर्यो बिसवास नहीं जद बांच नै फिर बांच्यो,
कै आज हिंमाळो पिघळ बह्यो
कै आज हुयो सूरज सीतळ,
कै आज सेस रो सिर डोल्यो
आ सोच हुयो समराट् विकळ,
बस दूत इसारो पा भाज्यो पीथळ नै तुरत बुलावण नै,
किरणां रो पीथळ आ पूग्यो ओ सांचो भरम मिटावण नै,
बीं वीर बांकुड़ै पीथळ नै
रजपूती गौरव भारी हो,
बो क्षात्र धरम रो नेमी हो
राणा रो प्रेम पुजारी हो,
बैर्यां रै मन रो कांटो हो बीकाणूँ पूत खरारो हो,
राठौड़ रणां में रातो हो बस सागी तेज दुधारो हो,
आ बात पातस्या जाणै हो
घावां पर लूण लगावण नै,
पीथळ नै तुरत बुलायो हो
राणा री हार बंचावण नैम्है बाँध लियो है पीथळ सुण पिंजरै में जंगळी शेर पकड़,

ओ देख हाथ रो कागद है तूं देखां फिरसी कियां अकड़ ?
मर डूब चळू भर पाणी में
बस झूठा गाल बजावै हो,
पण टूट गयो बीं राणा रो
तूं भाट बण्यो बिड़दावै हो,
मैं आज पातस्या धरती रो मेवाड़ी पाग पगां में है,
अब बता मनै किण रजवट रै रजपती खून रगां में है ?
जंद पीथळ कागद ले देखी
राणा री सागी सैनाणी,
नीचै स्यूं धरती खसक गई
आंख्यां में आयो भर पाणी,
पण फेर कही ततकाळ संभळ आ बात सफा ही झूठी है,
राणा री पाघ सदा ऊँची राणा री आण अटूटी है।
ल्यो हुकम हुवै तो लिख पूछूं
राणा नै कागद रै खातर,
लै पूछ भलांई पीथळ तूं
आ बात सही बोल्यो अकबर,
म्हे आज सुणी है नाहरियो
स्याळां रै सागै सोवै लो,
म्हे आज सुणी है सूरजड़ो
बादळ री ओटां खोवैलो;
म्हे आज सुणी है चातगड़ो
धरती रो पाणी पीवै लो,
म्हे आज सुणी है हाथड़ो
कूकर री जूणां जीवै लो
म्हे आज सुणी है थकां खसम
अब रांड हुवैली रजपूती,
म्हे आज सुणी है म्यानां में
तरवार रवैली अब सूती,
तो म्हांरो हिवड़ो कांपै है मूंछ्यां री मोड़ मरोड़ गई,
पीथळ नै राणा लिख भेज्यो आ बात कठै तक गिणां सही ?
पीथळ रा आखर पढ़तां ही
राणा री आँख्यां लाल हुई,
धिक्कार मनै हूँ कायर हूँ
नाहर री एक दकाल हुई,
हूँ भूख मरूं हूँ प्यास मरूं
मेवाड़ धरा आजाद रवै
हूँ घोर उजाड़ां में भटकूं
पण मन में मां री याद रवै,
हूँ रजपूतण रो जायो हूं रजपूती करज चुकाऊंला,
ओ सीस पड़ै पण पाघ नही दिल्ली रो मान झुकाऊंला,
पीथळ के खिमता बादल री
जो रोकै सूर उगाळी नै,
सिंघां री हाथळ सह लेवै
बा कूख मिली कद स्याळी नै?
धरती रो पाणी पिवै इसी
चातग री चूंच बणी कोनी,
कूकर री जूणां जिवै इसी
हाथी री बात सुणी कोनी,
आं हाथां में तलवार थकां
कुण रांड़ कवै है रजपूती ?
म्यानां रै बदळै बैर्यां री
छात्याँ में रैवैली सूती,
मेवाड़ धधकतो अंगारो आंध्यां में चमचम चमकै लो,
कड़खै री उठती तानां पर पग पग पर खांडो खड़कैलो,
राखो थे मूंछ्याँ ऐंठ्योड़ी
लोही री नदी बहा द्यूंला,
हूँ अथक लडूंला अकबर स्यूँ
उजड्यो मेवाड़ बसा द्यूंला,
जद राणा रो संदेश गयो पीथळ री छाती दूणी ही,
हिंदवाणों सूरज चमकै हो अकबर री दुनियां सूनी ही





Haldighati Production

हल्दीघाटी में निम्न उत्पाद तैयार किए जाते है

नोट -ये सभी उत्पाद स्वास्थयवर्धक है तथा  पुरे राजस्थान में प्रसिद्ध  है क्योकि ये सभी उत्पाद  नेचुरल तरीके से तैयार किए जाते है 

1. गुलाब जल –यह गुलाब की पत्तियों के आसवन विधि से तैयार किया जाता है यह हल्दीघाटी में बड़े स्तर बनाया जाता है यहाँ की चैत्री गुलाब बहुत प्रसिद्ध है 


2. गुलाब शरबत - यह शरबत सम्पूर्ण हल्दीघाटी का मुख्य उत्पादन है यह शरबत गुलाब , इलाइची , आदि कई चीजो की अलग अलग बनाई जाती है जो की सभी बिना किसी  केमिकलों का यूज़ किए बनाई जाती है | 

3. गुलकंद   यह गुलाब से तैयार किया जाता है जो बहुत ही स्वादिष्ट होता है 


4. इत्र  यह स्पेशल इत्र चैत्री गुलाब से तैयार किया जाता है 

4. डाइबिटिज स्पेशल अर्क   यह डाइबिटिज के रोगियों के लिए स्पेशल है   


ये सभी उत्पाद आपको उचित रेट में उपलब्ध करवाने के लिए कुछ स्थानीय लोगो के नंबर दे रहे है जिनसे आप आस पास के  क्षेत्र में मंगवा सकते है  


क्र सं 
नाम 
मोबाइल नंबर संस्थान नाम 
1Mr.Pushpdatt Mali +919950528348वैद शक्ति चेत्री रोज़ प्रोडक्शन
2Mr.Mittha lal +919602239017हल्दीघाटी नेचुरल प्रफुम होम 

S.no
Name Production
 QunitityRate (Rupees)
1 गुलाब जल1 लीटर 200
2गुलाब शरबत1 लीटर 130
3गुलकंद1 किलो 300
4तुलसी अर्क 1 लीटर 400
इत्र 10 ग्राम 200
6अजवाइन अर्क 1 लीटर 200
जामुन पाउडर 1 किलो 600

Haldighati Forest Dipartment And Reporter

Govt.Forest Dipartment Haldighati Khamnor 

 वन विभाग हल्दीघाटी (खमनोर)

मुख्य हल्दीघाटी में स्थित 
 फ़ोन नंबर -+919636727730
Rajsamand DCF Sh.+ 02952 220096 
DCF WL Sh. Kumar Swami Gupta 9414235135 02952

श्रीमान हेमंत सिंह मोजावत (समाजसेवी व पर्यावरण प्रेमी )


Generalist  Khamnore (haldighati)

किसी भी प्रकार की समस्या के लिए स्थानीय पत्रकारों से सम्पर्क कर सकते है  





श्रीमान मनीष पालीवाल
Etv राजस्थान खमनोर 




श्रीमान राम सिंह सोलंकी 
दैनिक भास्कर




श्रीमान वीरेन्द्र पालीवाल
राजस्थान पत्रिका 



श्रीमान संदीप श्रीमाली
दैनिक भास्कर 


श्रीमान कमल मानव
राजसमन्द टाइम्स 
  
Note-यह वन सरंक्षित क्षेत्र है अगर किसी भी प्रकार की जंगली जानवरों से सम्बन्धित समस्या आए तो आप इन सम्पर्क सूत्रों द्वारा सम्पर्क कर सकते है 

Haldighati Tourism

हल्दीघाटी के नजदीकी घुमने वाले क्षेत्र निम्न है  |

सभी स्थानों की सही लोकेशन के लिए View larger Map पर क्लिक करें व गूगल मैप से रियल लोकेशन ट्रेस करें 

1. हल्दीघाटी दर्रा / मुख्य हल्दीघाटी 





स्थिति - हल्दीघाटी दर्रा  मुख्य हल्दीघाटी 
ये वही स्थान है जहाँ पर अकबर और महाराणा प्रताप की सेनाएं आमने सामने हुई थी इसी स्थान को हल्दीघाटी के नाम से जाना जाता है 




2.चेतक स्मारक / समाधि  


स्थिति - मुख्य हल्दीघाटी के पास 

यहाँ पर  महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक ने अंतिम साँस ली थी उसी याद में आज भी यह स्मारक है 



3.हल्दीघाटी संग्रहालय



स्थिति - मुख्य हल्दीघाटी के पास 
खुलने का समय  9:30AM–7:00PM
यह एक प्राइवेट संग्रहालय है जो यहाँ का मुख्य आकर्षक बिंदु है इसका वर्तमान  (मार्च 2018) शुल्क 100 रूपये है  | यह निजी संग्रहालय श्रीमान मोहन जी श्रीमाली (शिक्षक) द्वारा संचालित है | 
अधिक जानकारी यहाँ से प्राप्त करें  09928975040



4.शाही बाग 




स्थिति - मुख्य हल्दीघाटी के पास (नाथद्वारा/खमनोर की ओर)
यह प्रकृति की गोद में समाया हुआ बहुत ही सुन्दर गार्डन है यह स्थान हल्दीघाटी के पास ही स्थित है यह भारतीय पुरातत्व विभाग की देख रेख में है 

5.रक्त तलाई 


स्थिति - हल्दीघाटी से 3 किमी पहले बस स्टैंड खमनोर के पास 
खमनोर में स्थित यही वह स्थान है जहाँ पर प्रसिद्ध हल्दीघाटी युद्ध हुआ था | यह भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा सरंक्षित है यहाँ कोई प्रवेश शुल्क नही है | दोनों सेनाओ ने हल्दीघाटी में जगह की कमी से यहाँ पर आकर युद्ध किया था एसा माना जाता है की युद्ध के कारण इस जगह में खून का कुंड भर गया था |  
6.हरिराय महाप्रभु जी की बैठक



स्थिति-रक्त्तालाई के पास हल्दीघाटी से 3 km 
यह स्थान श्रीनाथ जी नाथद्वारा का स्थान है जो रक्त तलाई के पास है 


7.मोलेला टेराकोटा आर्ट




स्थिति -हल्दीघाटी से 5 km रक्त्तालाई से 2 km 
यह टेराकोटा आर्ट के लिए प्रसिद्ध है जहाँ पर टेराकोटा की मूर्तियाँ बनती है | यहाँ पर लोग दूर-दूर से टेराकोटा की  मूर्तियाँ लेने के लिए आते है अधिक जानकारी  मोलेला टेराकोटा आर्ट  यहाँ से प्राप्त करें |

8.नाथद्वारा श्रीनाथजी जी


स्थिति -नाथद्वारा नेशनल हाइवे 8 पर हल्दीघाटी से 18 km 
Mangla     05:45am to 06:20am
Shringar  07:15am to 07:40am
Gwal        09:15am to 09:30am
Rajbhog  11:15am to 12:15pm
Uthapan  03:45pm to 04:05pm
Bhog        04:45pm to 05:00pm
Aarti        05:15pm to 06:00pm
Shayan 07:00pm to 07:45pm

यह प्रभु श्रीनाथ जी का मुख्य स्थान है प्रभु श्रीनाथ जी लाखों करोडो लोगो की आस्था का केंद्र है अधिक जानकारी यहाँ से प्राप्त करें

9.द्वारकाधीश मंदिर कांकरोली


स्थिति -राजसमन्द में स्थित एतिहासिक मंदिर (नाथद्वारा से 19 km हल्दीघाटी 35 km)
द्वारिकाधीश मदिंर कांकरोली में राजसमंद झील के किनारे पाल पर स्थित है ! यह मदिंर बहुत ही प्राचीन मदिंर है और वेष्णवजनों को  खास तौर पर प्रिय है ।अधिक जानकारी यहाँ से प्राप्त करें

10.राजसमन्द झील


स्थिति -राजसमन्द में स्थित हल्दीघाटी से 35 द्वारकाधीश मन्दिर के पास 
प्रसिद्ध झील द्वारिकाधीश मदिंर के पास स्थित है नोचोकी पाल भी यहीं स्थित है 
11.कुम्भलगढ़ का किला


स्थिति -हल्दीघाटी से 51 km 
यह राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा किला है विश्व की दूसरी सबसे बड़ी दीवार भी इसी किले की है 

12.परशुराम महादेव जी व वेरो का मठ 
स्थिति - कुम्भलगढ़ के किले से 5 km व हल्दीघाटी से 55 km 
भगवान परशुराम महादेव जी का प्रसिद्ध  स्थान 
13.वाघेरी का नाका


स्थिति - हल्दीघाटी से 10 km 
 यह बहुत अच्छा पिकनिक स्पॉट है जो बारिश होने पर ही  चालू होता है यहाँ पर जाने से पहले न्यूज़ पेपर से जानकारी प्राप्त करें